सरस्वती वंदना - Saraswati Vandana Lyrics
सरस्वती वंदना प्रार्थना ( Hindi )
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥११॥
जो विद्या की देवता भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोता के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में बीणा-दण्ड शोभायमान है तथा जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है, ब्रह्मा, विष्णु और देवता जिनकी सदैव वन्दना करते हैं वही सम्पूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली हमारी रक्षा करें ।।१।।
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमाद्यां जगद्व्यापिनीं वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम् ।
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् ।।२।।
शुक्लवर्ण वाली, संभ्पूर्ण चराचर जगत् में व्याप्त, आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किये गये विचार एवं चिन्तन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी भयों से अभयदान देने वाली, अज्ञान के अँधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली और पद्मासन पर विराजमान् बुद्धि प्रदान करने वाली, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलंकृत, भगवती शारदा (सरस्वती देवी) की मैं वन्दना करता है ।।२।।
सरस्वती वंदना - Saraswati Vandana
सरस्वती वंदना प्रार्थना - Saraswati Vandana Lyrics PDF
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना लिरिक्स : यह सरस्वती वंदना लिरिक्स इन हिंदी - Saraswati Vandana Lyrics PDF में Download करें और ऑफलाइन भी पढ़ें।
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